वो बुत बन गए हैं सुने जाएंगे
- बेख़ुद देहलवी
मेरी ग़ज़ल को मेरी जां फ़क़त ग़ज़ल न समझ
इक आइना है जो हर दम तिरे मुक़ाबिल है
- कलीम आजिज़
वक़्त इक ज़र्ब लगाए तो ग़ज़ल होती है
दर्द अगर दिल में समाए तो ग़ज़ल होती है
- राबिया सुलताना नाशाद
इक ग़ज़ल लिक्खी तो ग़म कोई पुराना जागा
फिर उसी ग़म के सबब एक ग़ज़ल और कही
- अंजुम ख़लीक़
हम से पूछो कि ग़ज़ल क्या है ग़ज़ल का फ़न क्या
चंद लफ़्ज़ों में कोई आग छुपा दी जाए
- जां निसार अख़्तर
जवान हो गई इक नस्ल सुनते सुनते ग़ज़ल
हम और हो गए बूढ़े ग़ज़ल सुनाते हुए
- अज़हर इनायती
ज़िंदगी सुंदर ग़ज़ल है दोस्तो
ज़िंदगी को गुनगुनाना चाहिए
- आज़िम कोहली
वो ग़ज़ल की किताब है प्यारे
उस को पढ़ना सवाब है प्यारे
- अतीक़ अंज़र
जिसे देखो ग़ज़ल पहने हुए है
बहुत सस्ता ये ज़ेवर वो गया है
- विकास शर्मा राज़
मेरे चेहरे पे ग़ज़ल लिखती गईं
शेर कहती हुई आँखें उस की
- परवीन शाकिर
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