यकीन पे है शक मुझे;
रूहदार का अफ़साना सच्चा,
या झूठी कहानी चचा की…
किसका झूठ, झूठ है,
किसके सच में सच नहीं;
है… कि है नहीं,
बस यही सवाल है,
और सवाल का जवाब भी सवाल है;
दिल की गर सुनूं तो है,
दिमाग की, तो है नहीं,
जान लूं कि जान दूं,
मैं रहूं कि मैं नहीं!
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