Sunday, October 25, 2020

सपनों की होली, हसरतों की डोली

सपनों की होली,.
हसरतों की डोली.

अश्कों की वैतरणी,
स्मृतियों की पूंजी.

गमगीन अन्धेरे,
वीरान सवेरे.

मध्यम होते चिराग,
बूझते हूए दीये
और गहराता एकान्त .

तेरे प्रेम मिलन के
योग वियोग
के गणित का
क्या यही
गूणाकं, शेषांक था ?

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