Wednesday, October 7, 2020

मेरे हाल की है तुझे क्या ख़बर

मेरे हाल की है तुझे क्या ख़बर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

तूने जाने क्या है समझा मुझे
मैं जो हूं वो तूने ना समझा मुझे
मेरा घर कहां है मैं जाऊं किधर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

मेरे हाल की है तुझे क्या ख़बर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

इक दिन वो दिन भी आयेगा जब
तू ख़ुद मेरे पास ही आयेगी तब
देखेगी मुझको तू एक नज़र
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

मेरे हाल की है तुझे क्या ख़बर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

मेरे हाल पर रो रही है बेबसी
तेरे बाद होगी ना उल्फ़त कभी
कोई रास्ता हो या कोई शहर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

मेरे हाल की है तुझे क्या ख़बर
तेरी आस में फिर रहा दर-बदर

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