ख़ुदा जिस हाल में रखे रहना पड़ता है
ज़िन्दगी को दरिया के पानी की तरह
वक़्त के बहाव के साथ बहना पड़ता है
दिल के समन्दर में जब लहरे-ग़म उठने लगे
तो आंसुओं को आंख से बहना पड़ता है
चाहे कितनी भी बुलन्द इमारत हो
जब मियाद आ जाती है ढ़हना पड़ता है
बादशाह या कलन्दर हों सबको इक दिन
इस दुनिया को अलविदा कहना पड़ता है.
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