Thursday, October 22, 2020

किस से करते जो कोई इश्क़ दोबारा करते

ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं 
फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं 
-इफ़्तिख़ार आरिफ़

काश देखो कभी टूटे हुए आईनों को 
दिल शिकस्ता हो तो फिर अपना पराया क्या है 
-उबैदुल्लाह अलीम

अजीब तजरबा था भीड़ से गुज़रने का 
उसे बहाना मिला मुझ से बात करने का 
-राजेन्द्र मनचंदा बानी

एक चेहरे में तो मुमकिन नहीं इतने चेहरे 
किस से करते जो कोई इश्क़ दोबारा करते 
-उबैदुल्लाह अलीम

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