तुमसे मिलना था मिल नहीं पाये ।।
दर्द रीसता है आज भी उनसे ।
जख़्म दिल के जो सिल नहीं पाये ।।
ज़ब्त का भी कमाल इतना था ।
अश्क़ पलकों से फिसल नहीं पाये ।।
भूल सकते थे आपको हम भी ।
आपसा हम जो दिल नहीं पाये ।।
फूल जैसे हम खिल नहीं पाये ।
तुमसे मिलना था मिल नहीं पाये ।।
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