Friday, June 26, 2020

उस के पहलू से लग के चलते हैं

उस के पहलू से लग के चलते हैं
हम कहीं टालने से टलते हैं

बंद है मय-कदों के दरवाज़े
हम तो बस यूँही चल निकलते हैं

मैं उसी तरह तो बहलता हूँ
और सब जिस तरह बहलते हैं

क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं...

जौन एलिया

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