तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
- जाँ निसार अख़्तर
इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए
जिस का हम-साए के आँगन में भी साया जाए
- ज़फर ज़ैदी
ज़िंदगी शायद इसी का नाम है
दूरियाँ मजबूरियाँ तन्हाइयाँ
- कैफ़ भोपाली
पानी में अक्स और किसी आसमाँ का है
ये नाव कौन सी है ये दरिया कहाँ का है
- अहमद मुश्ताक़
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