आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं
- जलील मानिकपूरी
सफ़र में कोई किसी के लिए ठहरता नहीं
न मुड़ के देखा कभी साहिलों को दरिया ने
- फ़ारिग़ बुख़ारी
सदा ऐश दौराँ दिखाता नहीं
गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं
- मीर हसन
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से
अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी
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