उसके जहन में छुपी कई बात है
यह किसी से कहती नहीं
चुपचाप अकेले सब सेहती है
औरत का जीवन नहीं आसान है
कुछ लोगों में सिमटा उसका एक छोटा सा जहान है
कितनी तकलीफे है उसको
कभी उससे उसका हाल तो पूछो
वो कैसे जीती है
कभी तो सोचो
खिलना चाहती है वो
नए नए लोगो से मिलना चाहती है
अहम सा इसका किरदार है
फिर भी इसके लिए ही अनेकों परम्पराओं की दीवार है
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