कुछ इस तरह की जाना
सरे राह लुट गया हूं
चाहत में तेरी मैं तो।
दिल खो गया है मेरा
तेरे प्यार के सफर में
रही नहीं खबर अब
दिले बेताब की मुझे तो।
ना जाने क्या कहा है
आंखों ने तेरी मुझसे
खामोशी की जुबां अब
समझ आ गई है मुझको।
कहां तक बचाता तुमसे
इस दिल को अपने जानम
टकरा ही गया है अब तो
तेरे इश्क में तड़पकर।
इश्क का जुनू अब तो
सर चढ़ के बोलता है
कुछ खास तो हैं तुझमें
दिल तेरा हो गया है।
पहरा इश्क पे लगाना
ये दस्तूर था जहां का
नादान है जमाने वाले
इन्हे पता ही कहां था।
तेरे आने से सफर में
रौनक सी आ गई है
कट रही थी वरना
बे आस बे सहारे।
मुहब्बत में तुम्हारे मैं
गिरफ्तार हो गया हूं
थाम लो हाथ मेरा
जीवन सफल हो जाए।
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