तोड़ो न आसरा दिल-ए-उम्मीद-वार का
- अज्ञात
ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर'
सारे जहां का दर्द हमारे जिगर में है
- अमीर मीनाई
अपना लहू भर कर लोगों को बाँट गए पैमाने लोग
दुनिया भर को याद रहेंगे हम जैसे दीवाने लोग
- कलीम आजिज़
हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो
- जौन एलिया
No comments:
Post a Comment