अब उसे हमारी बात सताती नहीं होगी,
वो अकेला छोड़ गया,
एक पल में मुँह मोड़ गया,
बड़ी जल्दी में था, कुछ सोचने लगा,
जाते जाते हमें वो भूलने लगा,
नाम, शक्ल याद थी, जज्बात बदल रहे थे,
बड़ी जल्दी में वो रिश्ते बदल रहे थे,
हम उसे खोना नहीं चाहते थे, ये उसे बताया था,
फिर भी उसने हमें बड़ा रुलाया था,
उसकी मानो तो उसमें जज्बात थोड़े कम थे,
पर विज्ञान से पढ़े हम थे,
विज्ञान उसने हमसे ज्यादा पढ़ा था,
जज्बात की लाइन में हमसे पीछे खड़ा था,
हम उसे समझते थे,
इसलिए उसके पास जाने से बचते थे,
हर कोई उसे पाना चाहता था, हम उसे खोने को भी तैयार थे,
वो एक बार कहकर तो देखता, हम उसे छोड़ने को भी तैयार थे,
मोहब्बत सिर्फ उससे थी वो ये नहीं जानता था,
अब तो वो मेरा चेहरा भी नहीं पहचानता था,
हममें हिम्मत नहीं थी उसे बताने की,
हममें हिम्मत नहीं थी उसे गवाने की,
फिर भी एक रोज कुछ ऐसा हो गया,
वो हमसे थोड़ा दूर हो गया,
उस रात हमने उसे अपनी याद दिलाई थी,
पर उसने कहा उसे बहुत जोर से नींद आई थी,
उस रात हम ना रोए थे ना सोए थे,
बस टक टकी लगाए उसकी राह देख रहे थे,
किस्मत हमारी खराब थी, ये बात उसे याद थी,
फिर भी उसने याद नहीं किया,
हमारे सवाल का जवाब नहीं दिया,
अब तो वो हमें सताने लगे,
हम क्या बताए वो कितना याद आने लगे,
परेशान ना करेंगे ये वादा किया था,
पर अब हर वक़्त बात करने को दिल किया था,
सब चाहते थे हम अपना घर बसा ले,
पर हमने जिसे दिल में बसाया था,
उसने पहले से किसी ओर को चाहा था,
हमने उसे अपना लिया था,
वो किसी ओर का था खुद को समझा लिया था,
इजहार हम ने आजतक किया नहीं,
कमबख्त समझा वो भी नहीं,
वो हमसे दूर था ओर हमें उसके पास जाना था,
उससे पूछकर हमें उसकी बाहों में आना था,
हम उसकी बाहों में कैद होना चाहते थे,
जीने का पता नहीं हम उसकी बाहों में मरना चाहते थे!!
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