Friday, June 19, 2020

फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है

अंजाम को पहुंचूंगा मैं अंजाम से पहले
ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और
- आनिस मुईन

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
- सज्जाद बाक़र रिज़वी

कहानी लिखते हुए दास्ताँ सुनाते हुए
वो सो गया है मुझे ख़्वाब से जगाते हुए
- सलीम कौसर

फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है
वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो
- निदा फ़ाज़ली

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