Tuesday, June 23, 2020

तू क्यों रात भर सोई नहीं

आज घर में मेरे कोई नहीं
तू क्यों रात भर सोई नहीं

सब मुझको ही घेरे बैठे थे
इक तू ही थी जो रोई नहीं

दुनिया हमने छोड़ ही दी
ये ज़हर दवा होई ही नहीं

आज उसको सजना सँवरना
वो ही तेरे हैं हम कोई नहीं

मिट्टी की दीवारें बुलाती हैं
अच्छा चलता हूँ कोई नहीं...

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