कहीं पे बीज बोया था कहीं पौधा निकल आया
मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा
- अमीर क़ज़लबाश
रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है
-जलील आली
ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं
-मुईन अहसन जज़्बी
गुफ़्तुगू देर से जारी है नतीजे के बग़ैर
इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ
-ऐतबार साजिद
ख़ूब नासेह की नसीहत का नतीजा निकला
हम ने अश्कों को सँभाला तो कलेजा निकला
-रहमत क़रनी
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
-जिगर मुरादाबादी
वफ़ा का लाज़मी था ये नतीजा
सज़ा अपने किए की पा रहा हूँ
- हफ़ीज़ जालंधरी
दिल के मुआमले में नतीजे की फ़िक्र क्या
आगे है इश्क़ जुर्म-ओ-सज़ा के मक़ाम से
- साहिर लुधियानवी
तुम जो पर्दे में सँवरते हो नतीजा क्या है
लुत्फ़ जब था कि कोई देखने वाला होता
- जलील मानिकपूरी
कहूँ कुछ उन से मगर ये ख़याल होता है
शिकायतों का नतीजा मलाल होता है
- क़मर बदायुनी
उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए
-इरफ़ान सिद्दीक़ी
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं
-हफ़ीज़ बनारसी
जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की
-जमील मज़हरी
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो
हौसले मुश्किलों में पलते हैं
-महफूजुर्रहमान आदिल
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