Monday, June 29, 2020

नतीजा शायरी

नतीजा देखिए कुछ दिन में क्या से क्या निकल आया 
कहीं पे बीज बोया था कहीं पौधा निकल आया


मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा
- अमीर क़ज़लबाश

रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है
-जलील आली

ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं
-मुईन अहसन जज़्बी

गुफ़्तुगू देर से जारी है नतीजे के बग़ैर 
इक नई बात निकल आती है हर बात के साथ 
-ऐतबार साजिद

ख़ूब नासेह की नसीहत का नतीजा निकला 
हम ने अश्कों को सँभाला तो कलेजा निकला 
-रहमत क़रनी

अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
-जिगर मुरादाबादी

वफ़ा का लाज़मी था ये नतीजा
सज़ा अपने किए की पा रहा हूँ
- हफ़ीज़ जालंधरी

दिल के मुआमले में नतीजे की फ़िक्र क्या
आगे है इश्क़ जुर्म-ओ-सज़ा के मक़ाम से
- साहिर लुधियानवी

तुम जो पर्दे में सँवरते हो नतीजा क्या है
लुत्फ़ जब था कि कोई देखने वाला होता
- जलील मानिकपूरी
 
कहूँ कुछ उन से मगर ये ख़याल होता है
शिकायतों का नतीजा मलाल होता है
- क़मर बदायुनी

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए
-इरफ़ान सिद्दीक़ी

गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं
-हफ़ीज़ बनारसी

जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की
-जमील मज़हरी

वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो
हौसले मुश्किलों में पलते हैं
-महफूजुर्रहमान आदिल

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