एक तेरी खुशी के ख़ातिर हम
नंगे पैर, दौड़ चले आते थे ।
एक तू है, जिसे हमारे आने की,
सुना है घंटों ख़बर नहीं मिलती ।
किसी जमाने में हम,
तुम्हारी दुनिया हुआ करते थे
आज हमारे हाल ए जिगर के,
अन्दाजे तुम्हें नहीं ।
हम तो ये सोचते थे,
जिंदगी में तुम नहीं तो कुछ नहीं ।
ताज्जुब तब हुआ , बिना बताए,
जब जिंदगी से तुम नदारद हुए।
सुनो तुम, टूटे थे हम बिखरे नहीं
जिंदगी में एक तेरा गम ही नहीं,
और भी कुछ जरुरी काम है,
छोड दीया पीछे तुम्हारा नाम है
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