Sunday, June 21, 2020

खुद को सँवारकर देखिये,

मन के आईने में खुद को सँवारकर तो देखिये,
अपने अंतर मन को निखारकर तो देखिये।
खुद को बेहद खूबसूरत पाएंगे,
असली खूबसूरती को पहचान जाएंगे।
अपने हिय से रज को हटा कर तो देखिये,
छल कपट मन से मिटा कर तो देखिये।
असली मधुरिमा को जान पाएंगे ,
क्षणिक माधुर्य को समझ जाएंगे।
कटुता मन से हटा कर तो देखिए,
मलिनता हृदय से मिटा कर तो देखिये।
जीवन की निर्मलता को जान पाएंगे,
मृषा से खुद को बचा जाएंगे।
क्रोध की छटा हटा कर तो देखिये,
अहंकार मन से मिटा कर तो देखिये।
अपनी आत्मा को बेहद शुद्व पाएंगे,
पारदर्शी जीवन को समझ जाएंगे।

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