कि फिर किसी ने किसी की तरफ़ नहीं देखा
- मंज़र भोपाली
बदले हुए से लगते हैं अब मौसमों के रंग
पड़ता है आसमान का साया ज़मीन पर
- हमदम कशमीरी
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
- मोहम्मद अल्वी
सफ़र के बीच ये कैसा बदल गया मौसम
कि फिर किसी ने किसी की तरफ़ नहीं देखा
- मंज़र भोपाली
आज बहुत कम फूल खिले हैं
शायद मौसम बदल रहा है
- रहमान ख़ावर
कितने मौसम बदल गए लेकिन
दिल वही दिल की आरज़ू है वही
- हसन आबिद
सच पूछिए तो इस की हमें ख़ुद ख़बर नहीं
मौसम बदल गया कि बदलने लगे हैं हम
- वाली आसी
अभी तो धुंध में लिपटे हुए हैं सब मंज़र
तुम आओगे तो ये मौसम बदल चुका होगा
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
सारे मौसम बदल गए शायद
और हम भी संभल गए शायद
- अलीना इतरत
सारा मौसम बदल चुका था फूल भी थे और आग भी थी
रात ने जब ये स्वांग रचाया चांद भी रूप बदलने लगा
- शमीम हनफ़ी
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