Wednesday, June 17, 2020

दोस्ती में मिले धोखे पर शायरी

दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
- राहत इंदौरी


हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो
- जौन एलिया


दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
दोस्तों को आज़माते जाइए
- ख़ुमार बाराबंकवी


दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दोस्तों ने भी क्या कमी की है
- हबीब जालिब

लोग डरते हैं दुश्मनी से तिरी
हम तिरी दोस्ती से डरते हैं
- हबीब जालिब


पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन
जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है
- सुहैल अज़ीमाबादी

अक़्ल कहती है दोबारा आज़माना जहल है
दिल ये कहता है फ़रेब-ए-दोस्त खाते जाइए
- माहिर-उल क़ादरी


हटाए थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मिरे घर में आने लगे हैं
- ख़ुमार बाराबंकवी

मैं हैराँ हूँ कि क्यूँ उस से हुई थी दोस्ती अपनी
मुझे कैसे गवारा हो गई थी दुश्मनी अपनी
- एहसान दानिश


दुश्मनी ने सुना न होवेगा
जो हमें दोस्ती ने दिखलाया
- ख़्वाजा मीर दर्द

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