दूर से तुझ को आता देख रहा हूँ
- कुमार पाशी
मिरे मिज़ाज का मौसम अजीब मौसम है
कि जिस के ग़म ने भी हस्ती को रौनक़ें दी हैं
- फ़रहत अब्बास
पेड़ यहाँ कुछ सदा-बहार भी होते हैं
मौसम मौसम तुम भी फूला-फला करो
- क़तील शिफ़ाई
मिरी धूप में आने से पहले
कभी देखे थे मौसम ऐसे
- सरवत हुसैन
मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिए
इक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
- सय्यद आरिफ़
खिल ही जाएगी कभी दिल की कली
फूल बरसाता हुआ मौसम चले
- अख़्तर सईद ख़ान
पहले मौसम पे तब्सिरा करना
फिर वो कहना जो दिल के अंदर है
- साबिर
क्या भरोसा बदलते मौसम का
रंग कल कुछ था आज और है कुछ
- मोहसिन ज़ैदी
फ़ैसले के लिए एक पल था बहुत
एक मौसम गया सोचते सोचते
- नक़्श लायलपुरी
अभी दो चार ही बूँदें गिरीं हैं
मगर मौसम नशीला हो गया है
- मोहम्मद अल्वी
No comments:
Post a Comment