Thursday, May 14, 2020

आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए

आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए
वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगां तो है
- मुनीर नियाज़ी


दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
- जाफ़र मलीहाबादी



न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
- बशीर बद्र

क़त्ल हो तो मेरा सा मौत हो तो मेरी सी
मेरे सोगवारों में आज मेरा क़ातिल है
- अमीर क़ज़लबाश

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