शहर का है मिज़ाज सन्नाटा
- सलमान अख़्तर
कुछ तो इनायतें हैं मिरे कारसाज़ की
और कुछ मिरे मिज़ाज ने तन्हा किया मुझे
- अकरम नक़्क़ाश
अभी फिर रहा हूँ मैं आप-अपनी तलाश में
अभी मुझ से मेरा मिज़ाज ही नहीं मिल रहा
- तारिक़ नईम
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
- दाग़ देहलवी
चुप रहो क्यूँ मिज़ाज पूछते हो
हम जिएँ या मरें तुम्हें क्या है
- लाला माधव राम जौहर
फिर मिरी आँख हो गई नमनाक
फिर किसी ने मिज़ाज पूछा है
- असरार-उल-हक़ मजाज़
सब गए पूछने मिज़ाज उन का
मैं गया अपनी दास्ताँ ले कर
- जलील मानिकपूरी
पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा
कितना आसान था इलाज मिरा
- फ़हमी बदायूंनी
तू जिधर जाए दिन निकल आए
रौशनी का मिज़ाज पैदा कर
- नुसरत मेहदी
सूफियाना मिज़ाज है अपना
मस्त रहते हैं अपनी मस्ती में
- राज़िक़ अंसारी
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