Thursday, May 21, 2020

उदासी शायरी

न जाने किस लिए उम्मीद-वार बैठा हूँ 
इक ऐसी राह पे जो तेरी रहगुज़र भी नहीं 
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब 
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो 
- अल्लामा इक़बाल

एक बे-नाम उदासी से भरा बैठा हूं 
आज दिल खोल के रोने की ज़रूरत है मुझे। 
- अंजुम सलीमी


उदास शाम की यादों भरी सुलगती हवा 
हमें फिर आज पुराने दयार ले आई। 
- राजेंद्र मनचंदा बानी

इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
किसी माज़ूर को देखोगे तो याद आऊंगा। 
- वसी शाह  

ग़म बयां करने का कोई और ढंग ईजाद कर,
तेरी आंखों का यह पानी तो पुराना हो गया। 
- वसीम बरेलवी 


हमारे घर का पता पूछने से क्या हासिल 
उदासियों की कोई शहरियत नहीं होती 
- वसीम बरेलवी

हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत 
देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम 
- साहिर लुधियानवी
 
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर' 
उदासी बाल खोले सो रही है 
- नासिर काज़मी

जिसको बड़ा ग़ुरूर था अपने वजूद पर, 
वो आफ़ताब शाम की चौखट पे मर गया।
- शाहिद सागरी 
वो पलकों पै आ ही गया बन के आंसू,
ज़ुबां पे न हम ला सके जो फ़साना। 
- हसरत सुहवाई 

मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाए 
बहुत दिनों से तबीअत मिरी उदास नहीं 
- नासिर काज़मी

ना-उमीदी बढ़ गई है इस क़दर 
आरज़ू की आरज़ू होने लगी 
- दाग़ देहलवी

ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर 
आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है 
- फ़ानी बदायुनी

इतना मैं इंतिज़ार किया उस की राह में 
जो रफ़्ता रफ़्ता दिल मिरा बीमार हो गया 
- शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

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