रोज़ बढ़ता हूं जहां से आगे
फिर वहीं लौट के आ जाता हूं
- कैफ़ी आज़मी
देखोगे तो आएगी तुम्हें अपनी जफ़ा याद
ख़ामोश जिसे पाओगे ख़ामोश न होगा
- अंजुम रूमानी
रात कौन आया था
कर गया सहर रौशन
- मोहम्मद अल्वी
फ़राग़त से दुनिया में हर दम न बैठो
अगर चाहते हो फ़राग़त ज़ियादा
- अल्ताफ़ हुसैन हाली
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