बेख़ौफ़ सा दिल मुस्कुराता सा होगा,
ज़ोरदार हवाओ मे जलते दियों सा होगा,
पिंजरे से निकले एक पंछी सा होगा,
रात के बाद उस उजाले सा होगा,
जाम छलकाते उस प्याले सा होगा,
मोहब्बत के बाद भी तनहाई मिलती रही,
तनहाईयो से निकले एक आशिक़ सा होगा,
अपनी आज़ादी का मंजर कुछ ऐसा होगा,
बेख़ौफ़ सा दिल मुस्कुराता सा होगा |
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