खुशनुमा मौसम की शीतल बयार
हवाओं का बेखौफ़-सा ये लड़कपन
हर तरफ हो जैसे बासंती त्यौहार
नये फूल, नयी पत्तियाँ जैसे देती पैगाम
नवजीवन की आहट भरती सब में जान
इस बार का बसंत कुछ नया है सिखाता
जीने की नयी राह सब को है दिखाता
ये दौलत,ये शोहरत,ये रुतबे की बातें
है एक भ्रम मात्र ये सब को बताता
नया सफर,नयी राह,नया है सवेरा
है सब कुछ समय का,ना तेरा ना मेरा।
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