Saturday, May 16, 2020

प्रकृति की आगोश में हैं भांति भांति के रंग.

सदाबहार को देखकर हर मन में उठे उमंग.
प्रकृति की आगोश में हैं भांति भांति के रंग.
फूल सभी हर लेते हैं मनुजों का संताप.
खिलना उनका देखकर खुश होते हम आप.
उनसे मिलती सीख यह रहो प्रकृति के संग.
मौसम चाहे जो भी रहे कायम रहेगी उमंग.
वर्षा गरमी शीत सबका सह लेते वो प्रहार.
सारे जग को बांटते बस खुशियों का उपहार...

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