“इन्सान की लाशों के कफन बेचने वाले”
ये महलों में बैठे हुए कातिल ये लुटेरे,
कांटो के एवज रूहे-चमन बेचने वाले,
तू इनके लिये मौत का ऐलान बनेगा.
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा..!
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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