Saturday, May 2, 2020

अकेलापन, तन्हाई शायरी

वो नहीं है न सही तर्क-ए-तमन्ना न करो
दिल अकेला है इसे और अकेला न करो
- महमूद अयाज़


हर तरफ़ दोस्ती का मेला है
फिर भी हर आदमी अकेला है
- फ़रहत अब्बास



भीड़ तन्हाइयों का मेला है
आदमी आदमी अकेला है
- सबा अकबराबादी


है आज ये गिला कि अकेला है 'शहरयार'
तरसोगे कल हुजूम में तन्हाई के लिए
- शहरयार

जब वो साथ होता है
हम अकेले होते हैं
- नज़ीर क़ैसर


'माजिद' ख़ुदा के वास्ते कुछ देर के लिए
रो लेने दे अकेला मुझे अपने हाल पर
- हुसैन माजिद

तुम से मिले तो ख़ुद से ज़ियादा
तुम को अकेला पाया हम ने
- इरफ़ान सिद्दीक़ी


एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा
- निदा फ़ाज़ली

अकेले घर में भरी दोपहर का सन्नाटा
वही सुकून वही उम्र भर का सन्नाटा
- इशरत आफ़रीं


मैं जब मैदान ख़ाली कर के आया
मिरा दुश्मन अकेला रह गया था
- दिलावर अली आज़र

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