Tuesday, May 5, 2020

मानो ना मानो ख़ता तो हुई है

मानो ना मानो ख़ता तो हुई है
जानबूझकर हो या अनजाने से,
स्वीकार तो करनी ही पड़ेगी हमें
क्या मिलेगा यूँ दिल जलाने से।

हम दुबारा मिलकर बात कर लेंगे
मसले हल होंगे फिर अपनाने से,
ख़ता तो हुई है खातमा भी करेंगे
कुछ नहीं मिलेगा बिछड़ जानें से। 

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