वो क्या करे जिस को कोई उम्मीद नहीं हो
- आसी उल्दनी
ऐ आसमान तेरे ख़ुदा का नहीं है ख़ौफ़
डरते हैं ऐ ज़मीन तिरे आदमी से हम
- अज्ञात
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है
चले आओ जहां तक रौशनी मालूम होती है
- नुशूर वाहिदी
बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना
तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है
- असरार-उल-हक़ मजाज़
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