Saturday, May 2, 2020

कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा

आख़िर दुआ करें भी तो किस मुद्दआ के साथ
कैसे ज़मीं की बात कहें आसमां से हम
- अहमद नदीम क़ासमी


कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा
हसरत-ए-दीदार ने आंखों को अंधा कर दिया
- हैदर अली आतिश

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएंगे सुनते थे सहर होगी
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

आज फिर मुझ से कहा दरिया ने
क्या इरादा है बहा ले जाऊं
- मोहम्मद अल्वी

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