कैसे ज़मीं की बात कहें आसमां से हम
- अहमद नदीम क़ासमी
कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा
हसरत-ए-दीदार ने आंखों को अंधा कर दिया
- हैदर अली आतिश
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएंगे सुनते थे सहर होगी
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आज फिर मुझ से कहा दरिया ने
क्या इरादा है बहा ले जाऊं
- मोहम्मद अल्वी
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