Sunday, May 3, 2020

दिल ने ये महसूस किया तुम आए!

बात वो कहिए कि जिस बात के सौ पहलू हों 
कोई पहलू तो रहे बात बदलने के लिए 
 ~ बेखुद देहलवी

जब ज़रा रात हुई और मह ओ अंजुम आए, 
बार-हा दिल ने ये महसूस किया तुम आए! 
असद भोपाली!

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