किसी किस्म के बहाने नहीं बनाउंगा
तुम्हारी तड़प को मंजिल दिखाउंगा
इस इम्तिहान में कुछ ऐसा कर पाऊंगा
तुम्हे तुम्हारी आंखों से अनुभव कराउंगा
अहंकार को प्यार का पानी पिलाउंगा
वादों की वादियों में तुम्हे ले जाउंगा
दरया की दरयादिली तुम्हे दिखाउंगा
यादों के यान को ऊंची उड़ान भरवाउंगा
नयनों के नीर को अंदर नहीं रख पाऊंगा
अपनी आकांक्षा को ये सिखाउंगा
तुम त्याग देना मैं नहीं भुला पाऊंगा
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