Wednesday, March 11, 2020

मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी

चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी

मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी

~ बशीर बद्र


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