Friday, March 27, 2020

वक्त, वक़्त शायरी

वक़्त ठहर सा जाएगा
रात आधी रह जाएगी
- मुग़नी तबस्सुम


आज तो मेरा दिल कहता है
तू इस वक़्त अकेला होगा
- नासिर काज़मी



दर्द से यूँ नजात कब होगी
वक़्त ठहरा हुआ सा लगता है
- बलबीर राठी


चाँद के उजले चेहरे पर
वक़्त का गहरा साया था
- बशीर अहमद शाद

लोग लम्हों में ज़िंदा रहते हैं
वक़्त अकेला इसी सबब से है
- साक़ी फ़ारुक़ी


वक़्त रहते समझ नहीं आता
जो मिला है हमें मिला क्यूँ है
- राज कौशिक

सर उठाती हुई मौजों से हवाओं ने कहा
वक़्त के साथ चलो वक़्त से उलझा न करो
- इक़बाल आसिफ़


हर एक सख़्त वक़्त के बाद और वक़्त है
निशाँ कमाल-ए-फ़िक्र का ज़वाल में मिला मुझे
- मुनीर नियाज़ी

झाँकने ताकने का वक़्त गया
अब वो हम हैं न वो ज़माना है
- यगाना चंगेज़ी


ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को
बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख
- निदा फ़ाज़ली

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