Saturday, March 28, 2020

'ज़िंदगी के मायने' शेर

मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है
ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है
- अहसन मारहरवी


यही ज़िंदगी मुसीबत यही ज़िंदगी मसर्रत
यही ज़िंदगी हक़ीक़त यही ज़िंदगी फ़साना
- मुईन अहसन जज़्बी

ज़िंदगी ख़्वाब देखती है मगर
ज़िंदगी ज़िंदगी है ख़्वाब नहीं
- मक़बूल नक़्श


इसी का नाम शायद ज़िंदगी है
ख़ुशी की इक घड़ी तो इक ग़मी की
- अमजद नजमी

ज़िंदगी सुंदर ग़ज़ल है दोस्तो
ज़िंदगी को गुनगुनाना चाहिए
- आज़िम कोहली


तौलती भी रही डोलती भी रही
कुछ इधर ज़िंदगी कुछ उधर ज़िंदगी
- इमरान शमशाद

ज़िंदगी यूं भी ज़िंदगी ठहरी
कटते कटते भी देर लगती है
- आबिद सिद्दीक़


ज़िंदगी को ज़िंदगी के वास्ते
रोज़ जीना रोज़ मरना चाहिए
- अंजुम रहबर

जुआ है ज़िंदगी जैसे
जो जीते उस को हासिल हूं
- पूजा भाटिया


घोंसला ज़िंदगी का
साँस की शाख़ पर है
- अब्दुस्समद ’तपिश’

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