साधुओ में फकीर हूँ
दिलों की जागीर हूँ
ज़ेहन की तदबीर हूँ
प्यार की नजीर हूँ
मर्यादा की लकीर हूँ
#राह की आस हूँ
राही की प्यास हूँ
मंजिल का पैगाम हूँ
फ़ौजी का सलाम हूँ
सबकुछ होकर भी कुछ नहीं
क्यूंकि में "ईमान" हूँ....!
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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