तुम्हें इस कदर चाहा था हमने प्यार में,
दिल देकर भी तुम हुमसे दूर चले गए,
हम तो मर ही लेते इस बेरहम दुनिया में,
क्यों तुम हमें जीने का ऐहसास कराकर चले गए।
मोहब्बत के लिए कुछ खास दिल महफूज होते हैं,
ये वो नगमा है जो हर साज पे गाया नहीं जाता।
जहां तक जाती है नज़र तुझको देख रहा हूँ,
दिल के साथ जलते अपना घर देख रहा हूँ।
इस दौर में न होगा मुझसा कोई जुनूनी,
खुद खोद के अपनी कब्र देख रहा हूँ।
ये किस मुकाम पे ले आई बयार मुझे,
अब तक न था हसीनों से सरोकार मुझे,
आज किसी ने पर्दे से देख कर एक मुझे,
बना दिया है मोहब्बत का साहकार मुझे।
बला के खूबसूरत वो लड़की एक खूबसूरत बला है,
जिसे चाहकर मेरे मन का उपवन खिला है।
जब पास होते हैं वो तो ये सोचता हूँ मैं,
कर डालूँ इजहार ए प्यार, पर इरादा हर बार टला है।
<खला, मिला, जला, कला, गला>
कहते हैं इश्क़ में नींद उड़ जाती है,
कमबख्त, कोई हमसे इश्क़ करे, नींद बहुत आती है।
खाँस खाँस कर चुप हो जाता नल है,
एक भी बूंद न यहाँ जल है,
यही हाल आज और कल है,
इससे भला तो अपना चापाकल है।
किसी के पास कला है,
किसी के पास गला है,
मंच से दोनों उतार जाए,
इसी में सबका भला है।
कहता है अक्स, हुस्न को रुसवा न कीजिये,
हर वक़्त आप आईना देखा न किजिये।
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं तोड़ा करते,
वक़्त की साख से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
कुछ तबीयत ही मिली ऐसी,
चैन से जीने की सूरत न हुई।
जिसे चाहा उसे पा न सके,
जो मिला उससे मोहब्बत न हुई।
बैठे थे सोच में तो कुछ याद न आया,
जब फोन उठाया तो तेरा नाम याद आया।
जिस वक़्त खुदा ने तुझे बनाया होगा,
उस वक़्त उस पर सुरूर छाया होगा,
पहले सोचा होगा तुझे जन्नत में रखूँ,
फिर उसे मेरा ख्याल आया होगा।
चाहे तुम मुझे भुला दो, हम
तुम्हें भूल न पाएंगे,
जिस दिन तुम्हें भूल जाएंगे मर ही जाएंगे,
क्योंकि तुम्हें दिल की धड़कन बना लिया है।
आँखों की भाषा वो समझ नहीं पाते,
उनसे है प्यार ये हम कह नहीं पाते।
अपनी बेबसी किससे कहें हम,
कोई है जिसके बिना हम रह नहीं पाते।
कुछ दूरी पर हम थे, कुछ
दूरी पर वो,
कुछ कदम हम चले कुछ कदम वो चले,
कुछ फूल हम पर पड़े, कुछ
फूल उन पर पड़े,
फर्क सिर्फ इतना सा था,
वो घर से विदा हो रहे थे, और हम जिंदगी से।
थोड़ी सी इकरार की बातें,
थोड़ी सी इंकार की बातें,
कुछ लम्हों का साथ है,
आओ कर ले प्यार की बातें।
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