Thursday, March 19, 2020

शेर गजल शायरी

हम से पूछो कि ग़ज़ल क्या है ग़ज़ल का फ़न क्या 
चंद लफ़्ज़ों में कोई आग छुपा दी जाए 
- जाँ निसार अख़्तर

हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में 
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता 
- बशीर बद्र

छुपी है अन-गिनत चिंगारियाँ लफ़्ज़ों के दामन में 
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल की ये किताब आहिस्ता आहिस्ता 
- प्रेम भण्डारी

डाइरी में सारे अच्छे शेर चुन कर लिख लिए 
एक लड़की ने मिरा दीवान ख़ाली कर दिया 
- ऐतबार साजिद

अपने लहजे की हिफ़ाज़त कीजिए 
शेर हो जाते हैं ना-मालूम भी 
- निदा फ़ाज़ली

मुझ को शायर न कहो 'मीर' कि साहब मैं ने 
दर्द ओ ग़म कितने किए जम्अ तो दीवान किया 
- मीर तक़ी मीर
डाइरी में सारे अच्छे शेर चुन कर लिख लिए 
एक लड़की ने मिरा दीवान ख़ाली कर दिया 
- ऐतबार साजिद

ज़िंदगी भर की कमाई यही मिसरे दो-चार 
इस कमाई पे तो इज़्ज़त नहीं मिलने वाली 
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
इश्क़ जिस से न हो सका उस ने
शायरी में अजब सियासत की
- सलीम कौसर

ग़ज़ल का शेर तो होता है बस किसी के लिए 
मगर सितम है कि सब को सुनाना पड़ता है 
- अज़हर इनायती

'असग़र' ग़ज़ल में चाहिए वो मौज-ए-ज़िंदगी 
जो हुस्न है बुतों में जो मस्ती शराब में 
- असग़र गोंडवी
कहीं कहीं से कुछ मिसरे एक-आध ग़ज़ल कुछ शेर 
इस पूँजी पर कितना शोर मचा सकता था मैं 
- इफ़्तिख़ार आरिफ़

जागीर अपनी शायरी पहले से थी मगर
इक उम्र जब रियाज़ किया साहिरी मिली
- साहिर होशियारपुरी

तुम्हारा 'नुशूर' और तुम्हारा तख़य्युल
मोहब्बत तुम्हारी तो शायर तुम्हारा
- नुशूर वाहिदी
कभी शराब कभी शायरी कभी महफ़िल
फिर इस के बाद धड़कता हुआ अकेला दिल
- जावेद नासिर

शायरी करते रहो लेकिन रहे इतना ख़याल
दुश्मनों से दोस्ती का हौसला बाक़ी रहे
- सरवर उस्मानी
शायर थे बंद एक सिनेमा के हाल में
पंछी फँसे हुए थे शिकारी के जाल में
- दिलावर फ़िगार

किसी खिड़की का शीशा भी नहीं टूटता
शायर अपना काम जारी रखते हैं मगर
- ज़ीशान साहिल

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