कह देना गर दिल मिले तो
- हबीब कैफ़ी
किसी घराने किसी ज़ात से नहीं मतलब
ये हम भी जानते हैं दिल मिले ख़याल मिले
- कविता किरन
मसल सुनी है कि मिलने से कोई मिलता है
मिलो तो आँख मिले दिल मिले निगाह मिले
- दाग़ देहलवी
वैसे तो आसान नहीं था खुलना बंद किवाड़ों का
दाख़िल होना दिल में लेकिन दस्तक से आसान हुआ
- देवमणि पांडेय
हर एक शख़्स से मिलना कहाँ मुनासिब था
मिले उन्हीं से जहाँ दिल मिले ख़याल मिले
- सलीम शुजाअ अंसारी
इन पुतलियों का क़र्ज़ चुकाता हूं क्या करूं
बस दिल से दिल मिलाता हूं जब देखता हूं मैं
- शाहीन अब्बास
दिल में लाते नहीं दुश्मन से भी नफ़रत का ख़याल
इस से कम कोई इबादत नहीं हम कर सकते
- जलील ’आली’
दिल में लाखों दाग़ रौशन हो गए
इश्क़ को शमाएं जलानी आ गईं
- नूह नारवी
जब दिल से दिल मिल जाते हैं तो क्या क्या गुल खिल जाते हैं
कुछ ग़ैर गले लग जाते हैं कुछ अपनों से अन-बन होती है
- अख़्तर आज़ाद
जब दिल से दिल मिल जाता है वो दौर-ए-मोहब्बत आह न पूछ
कुछ और ही दिन हो जाते हैं कुछ और ही रातें होती हैं
- शमीम जयपुरी
ये सब कहने की बातें हैं कि ऐसा हो नहीं सकता
मोहब्बत में जो दिल मिल जाए फिर क्या हो नहीं सकता
- हफ़ीज़ जौनपुरी
नज़र मिलाते नहीं मुस्कुराए जाते हैं
बताओ यूँ भी कहीं दिल मिलाए जाते हैं
- रियासत अली ताज
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