हिम्मत है शर्त साहिब-ए-हिम्मत से क्या न हो
- इम्दाद इमाम असर
'अख़्तर' गुज़रते लम्हों की आहट पे यूँ न चौंक
इस मातमी जुलूस में इक ज़िंदगी भी है
- अख़्तर होशियारपुरी
ख़ैर से रहता है रौशन नाम-ए-नेक
हश्र तक जलता है नेकी का चराग़
- ज़हीर देहलवी
सारे पत्थर नहीं होते हैं मलामत का निशाँ
वो भी पत्थर है जो मंज़िल का निशाँ देता है
- परवेज़ अख़्तर
ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा
दुनिया से हम ने क्या लिया दुनिया को क्या दिया
- हफ़ीज़ मेरठी
क़तरा न हो तो बहर न आए वजूद में
पानी की एक बूँद समुंदर से कम नहीं
- जुनैद हज़ीं लारी
किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ 'वाहिद'
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिन के काम अच्छे हैं
- वाहिद प्रेमी
आस्ताँ भी कोई मिल जाएगा ऐ ज़ौक-ए-नियाज़
सर सलामत है तो सज्दा भी अदा हो जाएगा
- जिगर बरेलवी
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