Sunday, March 15, 2020

हिम्मत, हौसला शायरी

हिम्मत वाले पल में बदल देते हैं दुनिया को 
सोचने वाला दिल तो बैठा सोचा करता है 
-अकबर हैदराबादी

हिम्मत है तो बुलंद कर आवाज़ का अलम
चुप बैठने से हल नहीं होने का मसअला
- ज़िया जालंधरी

हार हो जाती है जब मान लिया जाता है 
जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है 
- शकील आज़मी

नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर 
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में 
- अल्लामा इक़बाल

वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से 
वो और थे जो हार गए आसमान से 
- फ़हीम जोगापुरी

लोग जिस हाल में मरने की दुआ करते हैं 
मैं ने उस हाल में जीने की क़सम खाई है 
- अमीर क़ज़लबाश
साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन 
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है 
- आल-ए-अहमद सूरूर

कठिन है काम तो हिम्मत से काम ले ऐ दिल
बिगाड़ काम न मुश्किल समझ के मुश्किल को
- वहशत रज़ा अली कलकत्वी
देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार 
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख 
- मजरूह सुल्तानपुरी

ज़रा दरिया की तह तक तो पहुँच जाने की हिम्मत कर
तो फिर ऐ डूबने वाले किनारा ही किनारा है
- बासित भोपाली

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है 
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है 
- नफ़स अम्बालवी
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो 
हौसले मुश्किलों में पलते हैं 
- महफूजुर्रहमान आदिल

सिवाए मेरे किसी को जलने का होश कब था
चराग़ की लौ बुलंद थी और रात कम थी
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है
ये शहर बुलंदी से दरिया नज़र आता है
- इनाम नदीम

हाँ आसमान अपनी बुलंदी से होशियार
अब सर उठा रहे हैं किसी आस्ताँ से हम
- जोश मलीहाबादी

No comments: