Monday, March 2, 2020

हमें तो देखना है कि तु बेवफ़ा कहाँ तक है।

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
तु सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है;
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी;
हमें तो देखना है कि तु बेवफ़ा कहाँ तक है।

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