Wednesday, June 7, 2023

कुछ ज़ालिम हवाए ही ऐसी चलीं

कुछ ज़ालिम हवाए ही ऐसी चलीं

जो पेड़ों को बंजर कर गई 
वरना कोई भी परिंदा 
अपना ठिकाना नहीं भूलता।

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