कोई रंजिश कोई सानेहा सोच लो
अबके लिखना है क्या वाकया सोच लो
हम भी खामोश हैं तुम भी खामोश हो
कैसे सुलझेगा ये मस'अला सोच लो
तुम तो आँखों से दिल में उतर ही गये
कितना रखना है अब फासला सोच लो
ज़िंदगी चंद लम्हों की मेहमान है
अब दवा बे असर है दुआ सोच लो
इश़्क की रहगुज़र भी कठिन है
प्यार करने से पहले ज़रा सोच लो
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