इश्क़ के रंग में रंगी हुई ज़िन्दगी,
कविताओं की संगीतमय धुनी.
मेरे शेर बचपन की खुशबू लेकर आते हैं,
और मेरे दिल को हमेशा बहलाते हैं.
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दिल के हर एक दर्द को जब मैंने गोद में ले लिया,
उन्हें मेरी कविता का रंग दिया.
शेरों के साथ मिलकर उन्हें सजाया,
और खुद को भी नया रंग दिखाया.
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जब मेरा दिल दरिया होता है,
तो मैं हर एक लहर को छू लेता हूँ.
दरिया मेरे दिल में बस्ता है,
मैं उसकी लहरों में खुद को खो लेता हूँ.
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ख्वाब बनकर मेरे दिल में समाये रहना,
रातों की तन्हाई में मेरे याद बसाये रहना.
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दिल की हर धड़कन तेरे नाम कर दिया,
तेरे इश्क़ में हमने अपने अरमान भर दिए.
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उम्र भर तेरी मोहब्बत में जीते रहे हैं हम,
बेशक कुछ भी हो जाए, तेरे साथ मरते रहेंगे.
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वफ़ा की तलाश में रूह तो बेवफा कर दिया,
ऐसा गम दिया कि जिंदगी भी याद रखेगी.
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चाहता हूँ तुझे तेरे दीदार की आरजू ले कर,
रातों की चादर में चुपके से तेरी बहार लेकर.
-वसीम बरेलवी
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