मुश्किल होगा सफर मगर अच्छा लगेगा
साथ-साथ का तजुर्बा शायद सच्चा लगेगा
धूप छाँव का असर तुम समझ पाओगे
मजिंल दूर सही कदम उठाते अच्छा लगेगा
भीड़तंत्र में हमदर्द की भी पहचान होगी
हर पल रंग बदलते परिवेश में अच्छा लगेगा
मोहब्बत की सच्चाई नजर आने लगेगी
भरोसा बढेगा तभी 'ये दोस्त' अच्छा लगेगा
No comments:
Post a Comment